बगैर मुआवजा 8माह से सहयोग कर रहे थे किसान विशेष पैकेज मुआवजा की मांग पर सेवरखेडी बैराज का रूका काम -प्रशासन ने अधिकतम बिक्री पत्र मंगवाए मुआवजा की मांग को देखते हुए

 

उज्जैन । शिप्रा को प्रवाहमान रखने के लिए बनी सेवरखेडी-सिलारखेडी योजना का काम किसानों की विशेष पैकेज मुआवजा की मांग के चलते सेवरखेडी बैराज का काम रूक गया है। पिछले 8 माह से यहां बगैर मुआवजा के ही काम चल रहा था और किसानों का सहयोग यथावत था। मामले में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह  का कहना है कि काम रूकने जैसा कुछ नहीं है हम अधिकतम बिक्री पत्रों का अवलोकन कर रहे हैं। उस अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।

सिंहस्थ के पूर्व शिप्रा को सतत प्रवाहमान रखने के लिए जल संसाधन विभाग की 614.53 करोड की सेवरखेडी-सिलारखेडी परियोजना के तहत सेवरखेडी पर बैराज का निर्माण किया जा रहा है। उज्जैन ग्रामीण अनुभाग के कल्याणपुरा गांव सहित परियोजना से क्षेत्र के 13 गांवों के 250 किसान प्रभावित होंगे। इन किसानों की करीब 400 बीघा जमीन अधिगृहीत होना है। अभी किसी भी किसान को जमीन का मुआवजा नहीं मिला है, जबकि बैराज बनाने वाली ग्वालियर की केडीएस कंपनी आधा काम निपटा चुकी है। सेवरखेडी बैराज के पास ग्रिड का काम भी होना शुरू हो चुका है।

अन्य क्षेत्रों में मिला हमें क्यों नहीं-

किसान योगेन्द्र सिंह पंवार बताते हैं कि कल्याणपुरा गांव में जमीन का रकबा 900 बीघा के लगभग ही है । इसमें नाले एवं अन्य शासकीय जमीन भी शामिल है। शासन ने विक्रम उद्योगपुरी क्षेत्र में विशेष पैकेज के साथ जमीन अधिग्रहण मुआवजा देने के बाद किया है। हमने कार्य में सहयोग किया। 8 माह से काम चल रहा है। अब जाकर हम विशेष पैकेज के तहत मुआवजा मांग रहे हैं। इसी के चलते क्षेत्रीय किसानों ने काम रूकवाया है। हमने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की थी उनके अनुसार ही उन्हें गांव की अधिकतम बिक्री मुल्य के पंजीयन विक्रय पत्र उपलब्ध करवा दिए हैं। 614.53 करोड़ की सिलारखेड़ी सेवरखेड़ी परियोजना से प्रभावित 13 गांव के किसान अपनी बात पर अडिग है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि अब मुआवजा नहीं मिलने तक काम नहीं होगा। इस मामले में क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन के समक्ष  दो विकल्प रखे हैं जिसमें बाजार दर के आधार पर मुआवजा या विशेष पैकेज के के माध्यम से गाइड लाइन के अलावा अलग से फायदा मिले।

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